बिहार के गया जिले के डुमरिया प्रखंड अंतर्गत ग्राम बिजुआ में 13 मई 2024 को पुलिस द्वारा रात को 1 बजे ग्रामीणों को घर में घुसकर मार पीट किया गया। ज्यादातर पीड़ित परिवार दलित जाति से हैं।
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घटना की जानकारी मुझे तब मिली जब ये लोग न्याय की उम्मीद लेकर डीएसपी के पास शिकायत दर्ज कराने गया शहर के चंदौती ब्लॉक परिसर में आए हुए थे। लगभग 50 की संख्या में लोग आए हुए थे, जिसमे किशोर, बुजुर्ग, बुजुर्ग महिलाएं शामिल थी।
घटना क्यों घटी??
पूछने पर अशोक प्रसाद नामक ग्रामीण ने बताया कि गांव में एक सरकारी जमीन है जिसको लेकर सारा विवाद हुआ है। उनलोगो ने बताया कि वे लोग सरकारी जमीन के सरंक्षण के लिए CO, Dumariya के पास 3 May को ही आवेदन दे दिए थे, लेकिन प्रशासन सोया रहा। अशोक प्रसाद ने बताया कि CO ने अनलोगो पर धारा 107 के तहत कार्रवाई करने का धमकी भी दिया।
फिर 13 मई को मिथलेश प्रसाद बिजुआ गांव के तथा मुखदेव प्रसाद वरवाडीह गांव के दोनो ने मिलकर सरकारी जमीन में मिट्टी गिरवा दिया, ग्रामीणों का आरोप है कि कब्जा करने के नियत से मिट्टी गिरवाया गया। इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शाम को वहां से मिट्टी निकाल बाहर कर दिया। इसके बाद वहां पुलिस, डीएसपी, सीओ वहां पहुंचकर आश्वाशन दिया कि ठीक है अब आपलोग अपने घर जाइए और सो जाइए।
फिर रात को 1 बजे सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल पहुंचकर ग्रामीणों, बुजुर्ग महिलाओं को पीटना शुरू कर दिया, मोबाइल तोड़ दिया और 14-15 लोगों को लहूलुहान कर दिया।
https://youtu.be/YWAftaOWw_0?si=6L-brU4b_38vJ1pV
इनकी लड़ाई लड़ने वाले शोषित समाज दल के रामभजन मानव ने बताया कि सीओ सरकारी जमीन को बेचना चाहते हैं और दलाल लोग पुलिस का साथ लेकर डर और आतंक का माहौल पैदा कर रहे हैं। ये लोग चाहते हैं कि इसमें संलिप्त पुलिसकर्मियों, अधिकारियों पर कार्रवाई हो तथा उनको सस्पेंड कर घटना की जांच की जाय तथा लोगों को न्याय सुनिश्चित की जाय।
घटना जीतन राम मांझी जी के विधानसभा क्षेत्र के डुमरिया प्रखंड अंतर्गत नंदई पंचायत, थाना भदवार का है इसलिए पूर्व सीएम को भी इस मामले को संज्ञान में लेना चाहिए।
मानवेंद्र प्रियदर्शी (MahaBodhi Times)