महाकुंभ, प्रयागराज की शुरुआत 13 जनवरी को हुई। उस दिन एक साध्वी का इंटरव्यू वायरल हुआ। गले में में रुद्राक्ष, फूलों की माला, ललाट पर हल्दी वाली तिलक लगाए, इंद्र की अप्सरा से भी सुंदर एक युवती रथ पर सवार थी। इनकी लोकप्रियता सभी बाबाओं को भी मात दे रही है।
कुंभ में साधुओं और भक्तों की भीड़ जुटने लगी है. इसके साथ ही रीलों पर भी कुंभ का असर नजर आने लगा है. कुंभ में कई प्रकार के बाबा आते हैं। .
एक शोभा यात्रा का एक वीडियो खूब वायरल है. वीडियो में रथ पर सवार एक साध्वी का इंटरव्यू था इंटरव्यू के दौरान जब पूछा जाता है कि आप कहां से आई हैं,जवाब में साध्वी बताती हैं कि वे उत्तराखंड से आई हैं. और आचार्य महामंडलेश्वर की शिष्या हैं.
अगला सवाल:आप इतनी खूबसूरत हैं, फिर भी आपने संन्यासी जीवन क्यों चुना. आपका मन नहीं हुआ साध्वी जीवन छोड़कर कुछ आगे करने का? इस पर साध्वी ने बताया कि उन्हें जो करना था वह वो कर चुकी. वो सब कुछ छोड़कर यहां आई हैं.
उम्र कितनी है और कबसे संन्यास जीवन का पालन कर रही हैं. इसके जवाब में साध्वी ने अपनी उम्र 30 साल बताई. और कहा कि वो पिछले दो सालों से संन्यासी जीवन का पालन कर रही हैं.
वीडियो वायरल होने के बाद सवाल उठेहर्षा ने बताया कि वो 2 साल से साध्वी हैं,उनके पुराने फोटोज और वीडियोज वायरल किए जा रहे हैं. लोगों ने दावा किया कि वो एक सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर हैं और फॉलोवर्स बढ़ाने के लिए धर्म का मजाक बना रही हैं।
हर्षा ने विवाद के बाद सफाई दी हैएक टीवी चैनल से बातचीत करते हुए हर्षा ने कहा,
मैं साध्वी बनने की तरफ बढ़ रही हूं. अभी तक साध्वी बनी नहीं हूं. साध्वी बनने के लिए एक दीक्षा लेनी होती है. कई संस्कार करने होते हैं. मेरी वेशभूषा को देखकर लोगों ने साध्वी हर्षा नाम दे दिया. मैं भी दो दिन से देख रही हूं कि मुझे सबसे खूबसूरत साध्वी कहा जा रहा हैं. यह सब देखकर अच्छा लग रहा है. लेकिन मैं यही कहूंगी कि मुझे साध्वी का टैग देना अभी ठीक नहीं है. मेरे गुरुदेव ने इसकी आज्ञा भी नहीं दी है. ऐसे में साध्वी कहना गलत है.
हर्षा ने बताया कि उन्होंने अपने गुरु से संन्यास के लिए कहा था. लेकिन उन्होंने मना कर दिया. और उनको इसके लिए डांट भी लगाई. हर्षा ने आगे बताया,
गुरूजी ने आगे कहा कि अभी तुम्हें गृहस्थ जीवन की बहुत सारी जिम्मेदारियां निभानी हैं. तब तक अपनी साधना करो. और अपना काम करो. मैंने अपना काम भी बंद कर दिया था. लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना किया. ऐसे में पूजा पाठ और साधना के साथ काम भी जारी है
कौन हैं हर्षा रिछारिया?हर्षा रिछारिया भोपाल की रहने वाली हैं. और फिलहाल उत्तराखंड में रह रही हैं. हर्षा निरंजनी अखाड़े से जुड़ी हुई हैं. उन्होंने निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी के मार्गदर्शन में अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरु की है. इससे अलावा वह एक एंकर मॉडल और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर भी हैं.
आजकल यह देखा गया है कि कोई भी संत या आम व्यक्ति धर्म की आड़ में कुछ भी करते रहते हैं, कुछ दिन पूर्व एक संत ने नाबालिग बच्ची को संन्यास दिलवा दिया था और बोला गया कि बच्ची के पिता ने दान दिया है। हालांकि बच्ची अभी संन्यास मुक्त हो गई है और बाबा को अखाड़े से निकाल दिया गया है।